Deputy CM Mukesh Agnihotri बोले, जयराम सरकार ने मंदिरों से 28 करोड़ रुपए लिए थे

जयराम सरकार के समय प्रदेश के मंदिरों से 28 करोड़ रुपए की धनराशि ली गई। यह खुलासा उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा मंदिरों के पैसों को लेकर की जा रही ब्यानवाजी कही। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने 15 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष तो 13 करोड़ रुपए कोविड काल में मंदिरों से लिए। इतना ही नही, अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए जयराम सरकार के समय चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट व बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट से 22 लाख रुपए की राशि भेजी गई। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर इसको लेकर जबाव दें। उन्होंने कहा कि भाजपा झूठ की राजनीति कर रही है। प्रदेश सरकार ने मंदिरों से कोई धनराशि नही ली।

हिमाचल प्रदेश में भाजपा कई गुटों में बंट चुकी है तथा एक-दूूसरे से आगे निकलने की होड़ में प्रदेश भाजपा के नेता इस प्रकार के आरोप लगा रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को रूटीन के खर्चो के लिए 40 हजार करोड़ रुपए चाहिए। जबकि मंदिरों का चढ़ावा व जमा पूंजी करीब 500 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न तो मंदिर ट्रस्टों से पैसा ले सकती है, न ही लिया गया है। उन्होंने कहा कि कर्ज का बढऩा व प्रदेश की वित्तीय हालत को कमजोर करने का काम जयराम सरकार ने किया था।

कर्मचारी हितैषी है सरकार

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि संवाद से समस्या हल होती है। सरकार के कर्मचारियों से मधुर संबंध है। परिवहन निगम के कर्मचारियों को उनकी देनदारियां जल्द देंगे, इसके लिए प्रयास किए जा रहे है। सभी कर्मचारी संगठन वार्ता करें, वार्ता करने से ही समस्याओं का हल निकलेगा।

रजनी पाटिल जानती हैं

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने संगठन को लेकर कार्यकर्ताओं व नेताओं से फीडबैक लिया है। जल्द कांग्रेस संगठन नया आकार लेगा। रजनी पाटिल प्रदेश की स्थितियों को जानती हैं।

सुखाश्रय योजना की विरोध

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए सुख आश्रय योजना शुरू की है। भाजपा अनाथ बच्चों के साथ भी राजनीति कर रही है। भाजपा के नेता बताएं कि क्या वह अनाथ बच्चों के विरोध में हैं?

धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़?
अग्निहोत्री ने कहा कि मंदिरों में जमा धनराशि का उपयोग आमतौर पर मंदिरों के रखरखाव, धार्मिक आयोजनों और जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए किया जाता है। ऐसे में सरकार द्वारा इस राशि को अन्य कार्यों के लिए लेना आस्था को ठेस पहुंचाने जैसा है।

राजनीतिक बयानबाजी तेज
इस बयान के बाद हिमाचल की राजनीति गरमा गई है। भाजपा की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आने की संभावना है, जबकि कांग्रेस इसे जनता से जुड़े मुद्दे के तौर पर उठा रही है।
अग्निहोत्री ने साफ कहा कि मौजूदा सरकार मंदिरों की संपत्तियों और जनता की आस्था की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

अब देखना होगा कि इस आरोप पर भाजपा क्या जवाब देती है और क्या यह मुद्दा आगामी चुनावों में बड़ा राजनीतिक हथियार बन सकता है।

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