हिमाचल प्रदेश में एक अप्रैल 2025 से प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की हाजिरी मोबाइल एप से लगेगी। बीते वर्ष प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में इस व्यवस्था को ट्रायल आधार पर शुरू किया गया था। अब एक अप्रैल 2025 से इस अनिवार्य किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से शिक्षकों और विद्यार्थियों की हाजिरी मोबाइल एप से लगेगी। एक अप्रैल 2025 से यह व्यवस्था सख्ती से लागू होगी। एप पर हाजिरी लगाते ही विद्या समीक्षा केंद्र में पूरा डाटा ट्रांसफर हो जाएगा। पहली से आठवीं कक्षा तक ऑनलाइन हाजिरी से आने और जाने का हिसाब रखा जाएगा। स्मार्ट उपस्थिति एप पर हाजिरी लगाते ही समय और लोकेशन एक साथ अपडेट हो जाएगी।
बीते वर्ष प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में इस व्यवस्था को ट्रायल आधार पर शुरू किया गया था। अब एक अप्रैल 2025 से इस अनिवार्य किया जा रहा है। बुधवार को शिक्षा सचिव राकेश कंवर की अध्यक्षता में शिक्षा निदेशालय में हुई बैठक में इस बाबत सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए गए। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए संबंधित शिक्षकों को प्रशिक्षण दे दिया गया है। मोबाइल के लिए अलग से एप बनाया गया है।
एप के माध्यम से शिक्षकों को स्टाफ लॉगिन से पहले खुद की हाजिरी दर्ज करानी होगी। उसके बाद अपनी कक्षा के सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इससे विद्यार्थियों का रियल टाइम डाटा एकत्र होगा। ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभाग अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेशों पर शिक्षा विभाग ने इस व्यवस्था को लागू किया है। हर जिले में विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित कर दिए गए हैं।
इस ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में विद्यार्थियों के नाम, स्कूल और कक्षावार सहित पूरा ब्योरा होगा। उसके आधार पर शिक्षा विभाग इसे मॉनिटर करेगा। उधर, बैठक के दौरान पुस्तकालयों में डिजिटल तकनीक अपनाने पर बल दिया गया। स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिले बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने का भी शिक्षा सचिव ने अधिकारियों से आह्वान किया। उच्च शिक्षा निदेशालय के तहत कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूल और कॉलेज मर्ज करने को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। बैठक में गुणात्मक शिक्षा देने को लेकर भी मंथन किया गया। बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे
राज्य शिक्षा विभाग के अनुसार, इस नई प्रणाली से मैनुअल हाजिरी की त्रुटियां खत्म होंगी, और स्कूलों का प्रबंधन अधिक प्रभावी होगा। शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति रियल-टाइम में अपडेट होगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन में सुधार आएगा।
यह कदम हिमाचल के शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा बदलाव है, जो भविष्य में स्कूलों की कार्यप्रणाली को और भी सशक्त बनाएगा।