नय्यर ने 85,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 74 लाख रुपये) की आर्थिक सहायता दी है। इस राशि का उपयोग संस्थान के शोध कार्यों को बढ़ावा देने, छात्रों की सहायता करने और अकादमिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा।
मोहिंदर एल. नय्यर ने आईआईटी मंडी और आईआईटी रुड़की फाउंडेशन के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता (एमओयू) साइन किया है, जिसका उद्देश्य अकादमिक विकास को मजबूती देना और संस्थान के दीर्घकालिक लक्ष्यों को साकार करना है। आईआईटी मंडी इस योगदान से एक एंडोमेंट फंड स्थापित करेगा, जिससे शोध कार्यों की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ-साथ नवाचार और ज्ञान सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा और संसाधन सृजन एवं पूर्व छात्र मामलों के डीन प्रो. वरुण दत्त ने इस उदार योगदान के लिए मोहिंदर एल. नय्यर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान को अब तक किसी भी व्यक्ति द्वारा दी गई सबसे बड़ी आर्थिक सहायता है, जिससे इसे एक विश्वस्तरीय नवाचार केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।
मोहिंदर एल. नय्यर: एक प्रतिष्ठित इंजीनियर और लेखक
मोहिंदर एल. नय्यर ने 1966 में आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी। वह पाइपिंग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ हैं और उनकी लिखी पाइपिंग हैंडबुक और पाइपिंग डेटाबुक पिछले 27 वर्षों से इंजीनियरों के लिए उपयोगी साबित हो रही हैं। अपने करियर के दौरान उन्होंने अमेरिका को अपनी कर्मभूमि बनाया और अब अपने पूर्व संस्थान आईआईटी मंडी के विकास में योगदान दे रहे हैं।

आईआईटी मंडी के लिए यह अनुदान शोध कार्यों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और छात्रों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।