कतर और यूएई समेत मुस्लिम देशों में बढ़ा क्रेज, गूगल में खोजकर जानकारी ले रहे लोग
महाकुंभ अब सिर्फ भारतीय आयोजन नहीं रहा, बल्कि यह एक वैश्विक पर्व बन चुका है। दुनियाभर के विदेशी श्रद्धालु संत-महात्माओं के शिविरों में प्रवास कर रहे हैं। खासतौर पर यूरोपीय, अमेरिकी और अफ्रीकी देशों के अलावा पाकिस्तान समेत कई इस्लामिक देशों में महाकुंभ को लेकर गहरी रुचि देखी जा रही है।
पाकिस्तान में महाकुंभ सर्च का बढ़ता क्रेज
गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, मुस्लिम देशों में पाकिस्तान महाकुंभ को सबसे ज्यादा सर्च कर रहा है। यह भारत के पड़ोसी देश में कौतूहल का विषय बन गया है। पाकिस्तान के बाद कतर, यूएई और बहरीन जैसे देशों में भी इसे लेकर गहरी रुचि है। इसके अलावा नेपाल, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, ब्रिटेन, थाईलैंड और अमेरिका जैसे देशों के लोग भी महाकुंभ से जुड़ी जानकारी इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं।
पूर्वोत्तर की परंपराओं की झलक
महाकुंभ-2025 में पहली बार पूर्वोत्तर राज्यों की कई परंपराएं देखने को मिल रही हैं। मकर संक्रांति पर प्राग ज्योतिषपुर में पूर्वोत्तर के संतों के शिविर में विशेष आयोजन हुआ। चावल से बने पारंपरिक व्यंजनों का वितरण किया गया और महिलाओं ने बिहू नृत्य प्रस्तुत कर असमिया संस्कृति का अनूठा प्रदर्शन किया।
मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ में आठ से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। बीते स्नान पर्वों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने रेलवे के साथ समन्वय कर महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित करने को कहा।
विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी
महाकुंभ की भव्यता पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रही है। गुरुवार को 10 देशों के 21 प्रतिनिधि संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। यह दल विदेश मंत्रालय द्वारा आमंत्रित है और इसके लिए अरैल क्षेत्र में टेंट सिटी में आवास की व्यवस्था की गई है।
स्टीव जॉब्स की पत्नी ने ली दीक्षा
एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स उर्फ कमला ने महाकुंभ में पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली। इससे पहले काशी में उन्हें कैलाशानंद गिरि ने “कमला” नाम और अपना गोत्र दिया था। लॉरेन का हिंदू धर्म से गहरा लगाव है और वह 29 जनवरी तक महाकुंभ में रहेंगी।
महाकुंभ-2025 के आयोजन ने न केवल भारतीयों को, बल्कि दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, धर्म और एकता का प्रतीक बनकर उभरा है।