दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने भगत सिंह और डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत की अनदेखी करने का आरोप लगाया और सवाल उठाया कि क्या देश के शहीदों ने ऐसी आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
“भगत सिंह और अंबेडकर के सपनों से किया जा रहा है खिलवाड़”
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां हर नागरिक को समान अधिकार मिले और देश में लोकतंत्र, न्याय और स्वतंत्रता की सर्वोच्चता बनी रहे। लेकिन आज के हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि सरकार उनके विचारों को हाशिए पर डाल रही है।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति में लगी हुई है और असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। केजरीवाल ने कहा, “आज जब हम भगत सिंह और अंबेडकर के विचारों की बात करते हैं, तो हमें यह सोचना चाहिए कि क्या हमारा देश सही दिशा में जा रहा है? क्या हमारे शहीदों ने इसलिए अपनी जान दी थी कि कुछ ताकतें देश पर हावी होकर लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करें?”
“शहीदों के बलिदान का अपमान हो रहा है”
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि आज देश में जिस तरह की परिस्थितियाँ बन रही हैं, वे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का अपमान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग सिर्फ अपने फायदे के लिए फैसले ले रहे हैं और आम जनता की परेशानियों की ओर ध्यान नहीं दे रहे।
उन्होंने कहा, “क्या भगत सिंह ने इसलिए अपनी जान दी थी कि देश में तानाशाही बढ़े? क्या अंबेडकर ने संविधान इसलिए बनाया था कि कुछ लोग सत्ता की ताकत का दुरुपयोग करें? आज जो कुछ भी हो रहा है, वह उन महान विभूतियों के सपनों के खिलाफ है, जिन्होंने इस देश को एक मजबूत लोकतंत्र बनाने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।”
लोकतांत्रिक मूल्यों पर संकट?
केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं पर हमला हो रहा है और सरकार उन संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है, जो देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए बनाई गई थीं।
उन्होंने कहा, “आज न्यायपालिका, चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव डाला जा रहा है। यह देश के लिए बहुत खतरनाक संकेत हैं। अगर हमें अपने शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों को साकार करना है, तो हमें इस तानाशाही के खिलाफ खड़ा होना होगा।”
आम आदमी पार्टी की लगातार आलोचना
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार बीजेपी सरकार की नीतियों की आलोचना करती रही है। केजरीवाल और उनकी पार्टी अक्सर यह आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रही है और संवैधानिक संस्थाओं पर नियंत्रण कर रही है।
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से टकराव चला आ रहा है। खासकर प्रशासनिक शक्तियों को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद अक्सर सुर्खियों में रहता है। केजरीवाल ने इस मुद्दे को भी उठाते हुए कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अपने फैसले लेने की पूरी आज़ादी होनी चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार दिल्ली सरकार की शक्तियों में लगातार कटौती कर रही है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया का इंतजार
केजरीवाल के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि बीजेपी इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और राजनीतिक बहस किस दिशा में जाती है।
हालांकि, बीजेपी ने अब तक इस बयान पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी के कई नेता पहले भी केजरीवाल पर इस तरह के बयानों को लेकर पलटवार कर चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्मा सकता है और इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो सकती है।