Himachal News: छात्रा को कार में बिठाकर गलत तरीके से छुआ, शिक्षक को पांच साल की सजा, इतना जुर्माना भी लगा

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में छात्रा को कार में बिठाकर गलत तरीके से छूने के आरोपी शिक्षक को पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा हुई है और 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।

छात्रा को कार में बिठाकर गलत तरीके से छूने के आरोपी शिक्षक को पॉक्सो एक्ट की धारा 10 के तहत दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश हमीरपुर भुवनेश अवस्थी ने दोषी को पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।

अदालती निर्णय का विवरण:

अदालत द्वारा दोषी व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(2)(वीए) के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर सजा सुनाई गई है।

इस निर्णय के अनुसार:

  1. IPC की धारा 354 (स्त्री की लज्जा भंग करने का प्रयास) के तहत दोषी को छह माह के कारावास तथा ₹5,000 (पाँच हजार रुपये) के जुर्माने की सजा दी गई है।
    • यदि दोषी यह जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे एक माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।
  2. इसके अतिरिक्त, अन्य अपराध के अंतर्गत दोषी को तीन माह का साधारण कारावास भी सुनाया गया है।
    • यह सजा जुर्माना न भरने की स्थिति में प्रभावी होगी।

नोट: दोनों सजाएँ अलग-अलग अपराधों के लिए दी गई हैं, तथा अदालत ने स्पष्ट किया है कि जुर्माना न भरने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास की व्यवस्था की गई है।

शिक्षिका से छेड़छाड़ मामले में शिक्षक को छह माह की सजा, ₹2,000 जुर्माना भी

जिला न्यायालय, [स्थान]:
एक शिक्षिका से छेड़छाड़ के मामले में अदालत ने आरोपी शिक्षक को दोषी करार देते हुए छह माह के कारावास और ₹2,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह सजा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(बीए) के तहत दी गई है।

जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री ने बताया कि यह घटना 30 दिसंबर 2021 की है। आरोपी शिक्षक ने अपनी कार में स्कूल ले जाते समय पीड़िता को अनुचित तरीके से छुआ। पीड़िता उसी स्कूल की शिक्षिका है और आरोपी की कार में सवार होकर स्कूल जा रही थी।

अभियोजन पक्ष ने मामले को अदालत में सिद्ध करने के लिए कुल 14 गवाहों की जांच करवाई। गवाहों की गवाही और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी माना।

यदि दोषी व्यक्ति निर्धारित ₹2,000 का जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त एक माह का साधारण कारावास भुगतना होगा।

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