दिल्ली में प्रदूषण कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है केजरीवाल सरकार। हाल ही में सामने आई EV Policy 2.0 के ड्राफ्ट में एक ऐसा प्रावधान शामिल किया गया है, जो राजधानी की सड़कों पर बड़ा बदलाव ला सकता है।
🚫 15 अगस्त 2025 से नहीं होंगे CNG ऑटो रजिस्टर
EV Policy 2.0 के मसौदे के अनुसार, 15 अगस्त 2025 से दिल्ली में CNG ऑटो रिक्शा का नया रजिस्ट्रेशन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इस तारीख के बाद केवल इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा (E-Auto) को ही रजिस्टर किया जाएगा।
दिल्ली में इस समय बड़ी संख्या में CNG ऑटो चलते हैं, जो पर्यावरण के लिहाज से पेट्रोल-डीजल से बेहतर माने जाते हैं। लेकिन अब सरकार का अगला फोकस 100% इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की तरफ है।
🔄 क्या होगा मौजूदा CNG ऑटो का?
सरकार ने साफ किया है कि यह पाबंदी सिर्फ नए रजिस्ट्रेशन पर लागू होगी। यानी जो CNG ऑटो पहले से दिल्ली की सड़कों पर हैं, वे फिलहाल चलते रहेंगे। लेकिन ये भी माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में सरकार इन्हें भी धीरे-धीरे हटाने की योजना बना सकती है।
🎯 EV Policy 2.0 के मुख्य लक्ष्य:
- दिल्ली को क्लीन और ग्रीन सिटी बनाना
- इलेक्ट्रिक वाहनों का दायरा बढ़ाना
- ट्रांसपोर्ट सेक्टर से कार्बन उत्सर्जन में तेज़ी से कटौती
- फ्लीट ऑपरेटरों और डिलीवरी सर्विस कंपनियों को EV की ओर शिफ्ट करवाना
- सस्ती चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और स्क्रैपिंग पॉलिसी को बढ़ावा देना
🗣️ जनता से मांगे गए सुझाव
सरकार का लक्ष्य तो साफ है — प्रदूषण रहित दिल्ली। लेकिन इसे लागू करना आसान नहीं होगा। CNG ऑटो चालक और यूनियनों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी –
- ई-ऑटो की कीमत
- बैटरी चार्जिंग की सुविधा
- फाइनेंसिंग और स्क्रैपिंग सपोर्ट
सरकार को इन पहलुओं पर विशेष फोकस करना होगा, ताकि यह ट्रांजिशन संतुलित और समावेशी हो।
निष्कर्ष:
दिल्ली सरकार की EV Policy 2.0, राजधानी की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। हालांकि, यह पॉलिसी फिलहाल ड्राफ्ट में है, लेकिन अगर ऐसे ही लागू होती है, तो 15 अगस्त 2025 से दिल्ली की सड़कों पर CNG ऑटो का नया चेहरा केवल इलेक्ट्रिक होगा।