उत्तराखंड बनेगा समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य, 27 जनवरी से होगा लागू

धामी सरकार ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने को लेकर सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं. 28 जनवरी को पीएम देहरादून आएंगे, उससे पहले प्रदेश में यूसीसी को लागू कर दिया जाएगा.

उत्तराखंड 27 जनवरी 2025 को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला आजाद भारत का पहला राज्य बनने जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तीन वर्षों की लगातार मेहनत और प्रक्रिया के बाद यह कानून अब मूर्त रूप लेने जा रहा है.

राज्य मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा 24 जनवरी को जारी निर्देशों के अनुसार, यूसीसी का आधिकारिक पोर्टल भी इसी दिन लॉन्च किया जाएगा. मुख्यमंत्री सचिवालय में 27 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे यूसीसी पोर्टल का उद्घाटन किया जाएगा. यह कदम राज्य में समान नागरिक संहिता के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी होगा. 

इस मौके पर मुख्यमंत्री, उच्च अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रहेगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव शैलेश बगोली द्वारा जारी पत्र के अनुसार, सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने और इसे सफल बनाने के लिए निर्देशित किया गया है.

UCC पोर्टलकीमॉकड्रिलपूरी


उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पिछले तीन वर्षों में कई स्तरों पर कार्य किया. इसके लिए विभिन्न विशेषज्ञ समितियों का गठन किया गया, जिनमें कानूनी विशेषज्ञ, समाजशास्त्री और प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे. इन समितियों ने राज्य में कानून लागू करने के लिए आवश्यक मसौदा तैयार किया और इसकी व्यवहारिकता का परीक्षण किया.

इससे पहले यूसीसी के वेब पोर्टल की दो बार मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई, जिससे लॉगिन संबंधित तकनीकी बाधाओं को दूर किया गया. अब यह पोर्टल पूरी तरह तैयार है और 27 जनवरी को आम जनता के लिए सुलभ होगा.

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य होगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया है. सरकार का कहना है कि यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे.

पीएमकेआनेसेपहले UCC


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 28 जनवरी को देहरादून आगमन से ठीक एक दिन पहले यह कानून लागू किया जाएगा. इसे राज्य सरकार की एक बड़ी उपलब्धि और केंद्र सरकार की विकासशील नीतियों के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है.

यूसीसी लागू करने और पोर्टल लॉन्च के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने सभी विभागों को सख्त निर्देश जारी किए हैं. जिला और मंडल स्तर के अधिकारियों को जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और जनता को इस कानून के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया है.

समान नागरिक संहिता का अर्थ है कि देश के सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून लागू होगा, चाहे उनका धर्म, जाति या पंथ कुछ भी हो. इसमें विवाह, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति विभाजन जैसे व्यक्तिगत मामलों के लिए समान कानून बनाए गए हैं.

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