शिमला हादसा: भीषण सड़क दुर्घटना में कार के उड़े परखच्चे, दिल दहला देने वाला दृश्य
शिमला में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे घटनास्थल पर हृदयविदारक दृश्य देखने को मिला। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अगर सड़क पर क्रैश बैरियर होते, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती थीं। हादसे के बाद इलाके में सनसनी फैल गई, और मौके पर पहुंचे लोगों ने इस भयावह मंजर को देखकर दहशत महसूस की।
शिमला के शोघी-आनंदपुर-मैहली बाईपास पर मंगलवार रात शील गांव में हुए सड़क हादसे ने चार अनमोल जिंदगियों को काल का ग्रास बना लिया। लोगों ने कहा कि अगर दुर्घटनास्थल पर क्रैश बैरियर होता तो शायद यह जिंदगियां बच जातीं। हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के लोग बचाव के लिए मौके पर पहुंचे लेकिन यहां हृदयविदारक हालात देखकर सिहर उठे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर सीधे 100 फीट खड़ी ढांक से गिरकर नाले में एक बड़े पत्थर के ऊपर जा गिरी। इस वजह से वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में वाहन में सवार चारों लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। घटना स्थल के पास ही वर्कशॉप का काम करने वाले परवेश ने बताया कि वह और उनका एक दोस्त सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने फौरन मामले की सूचना पुलिस को दी। उन्होंने बताया कि घटनास्थल तक पहुंचने के लिए ढांक से उतरकर पहुंचाना पड़ा जोकि काफी मुश्किल था।
अंधेरे और कठिन परिस्थितियों में चला रेस्क्यू अभियान
अंधेरा होने के कारण पुलिस को मौके तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। शवों को सड़क तक लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे देखते हुए एसडीआरएफ और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बुलाया गया। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और घने अंधेरे के चलते शवों को निकालने में कई घंटे लग गए, और यह कार्य देर रात तक जारी रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां क्रैश बैरियर नहीं थे। अगर क्रैश बैरियर मौजूद होते, तो शायद इस दुर्घटना में जान-माल का नुकसान कम हो सकता था।
शिमला हादसा: परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, जांच में जुटी पुलिस
इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलते ही मृतकों के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, मृतक रूपा सूर्यवंशी और प्रगति मां-बेटी थीं, जबकि मुकुल उनके करीबी रिश्तेदार थे। चालक जय सिंह, जो संजौली का निवासी था, भी इस हादसे में जान गंवा बैठा।
पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से सड़क पर क्रैश बैरियर लगाने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
शीलगांव हादसा: घंटों की मशक्कत के बाद शव पहुंचे IGMC
शीलगांव सड़क हादसे में बचाव दल ने अंधेरे और खड़ी ढलान में उतरकर कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद शवों को सड़क तक पहुंचाया। इस दौरान टीम के सदस्यों ने अपनी जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसके बाद शवों को IGMC अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना के मुताबिक, रात करीब 11:40 बजे शव अस्पताल लाए गए। देर रात होने के कारण पोस्टमार्टम की प्रक्रिया बुधवार को पूरी की जाएगी, जिसके बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।