प्रियांश ने मंगलवार को 39 गेंदों पर शतक लगाया। प्रियांश इसके साथ ही आईपीए इतिहास का सबसे तेज शतक लगाने वाले संयुक्त रूप से चौथे बल्लेबाज बन गए थे।
चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाफ शतकीय पारी खेलने वाले पंजाब किंग्स के सलामी बल्लेबाज प्रियांश आर्या ने बताया है कि किस तरह कप्तान श्रेयस अय्यर के साथ हुई चर्चा से उन्हें मदद मिली। प्रियांश ने मंगलवार को 39 गेंदों पर शतक लगाया। प्रियांश इसके साथ ही आईपीए इतिहास का सबसे तेज शतक लगाने वाले संयुक्त रूप से चौथे बल्लेबाज बन गए थे। प्रियांश ने इस मामले में सनराइडर्स हैदराबाद के ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ट्रेविस हेड की बराबरी कर ली थी जिन्होंने पिछले सीजन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के खिलाफ इतने ही गेंदों पर शतक लगाया था।
पंजाब ने सीएसके को हराया
पंजाब ने प्रियांश के शतक से सीएसके को 18 रन से हराया था। मुल्लांपुर में खेले गए इस मुकाबले में पंजाब ने 20 ओवर में छह विकेट खोकर 219 रन बनाए थे। जवाब में सीएसके निर्धारित ओवरों में पांच विकेट खोकर सिर्फ 201 रन ही बना सकी। प्रियांश ने मुश्किल परिस्थितियों से टीम को उबारा और अपने आईपीएल करियर का पहला शतक जड़ा जिससे पंजाब सीएसके के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखने में सफल रहा था।
स्वाभाविक खेल खेलना चाहते थे प्रियांश
प्रियांश ने कहा, मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं, लेकिन अंदर से मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। पिछले मैच में श्रेयस अय्यर ने अपनी सहज प्रवृत्ति पर भरोसा करने की बात कही थी। उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि मैं जिस तरह से खेलना चाहता हूं, वैसा खेलूं। मैं सोच रहा था कि अगर मुझे पहली गेंद शॉट मारने के लिए मिलती है, तो मैं निश्चित रूप से उस पर छक्का मारूंगा। मैं जितना हो सके अपना स्वाभाविक खेल खेलना चाहता था और खुद को सीमित नहीं करना चाहता।
उन्होंने कहा, मैं अपनी इस पारी से खुश हूं, लेकिन मैं टीम के लिए और भी योगदान देना चाहता हूं। मेरे लिए इरादा वही रहेगा। जब मैं श्रेयस भईया से बात करता हूं तो वो कहते हैं कि सिर्फ सकारात्मक इरादे से बल्लेबाजी करो। अगर पहली ही गेंद मेरे स्लॉट में आती है तो वह कहते हैं कि पहली गेंद से प्रहार करो। मैं सीएसके के खिलाफ इसी अंदाज में बल्लेबाजी की।
परिस्थितियों के अनुसार करते हैं बल्लेबाजी
प्रियांश ने कहा, मैं हमेशा परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाजी करता हूं। जब नेहाल वढेरा आए तो मैंने उनके साथ चर्चा की। मैंने उनसे पूछा था कि धीमी बल्लेबाजी करूं या नहीं। लेकिन उन्होंने कहा कि तुम जैसा खेलते हो वैसा ही खेलो और मैं लगातार बड़े शॉट खेलता गया।