मनरेगा में अब फेस स्कैनिंग से होगी मजदूरों की उपस्थिति, पलकें झपकने पर ही होगी हाजिरी दर्ज

हिमाचल प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्यस्थलों पर उपस्थिति दर्ज करने के लिए अब उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत मजदूरों की उपस्थिति फेस रीडिंग और पलकें झपकने से तय होगी। इसके लिए राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) सॉफ़्टवेयर का नया वर्जन लागू किया गया है।

जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मनरेगा कार्यों में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए अब योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी फेस रीडिंग के जरिये लगाई जाएगी। इसके लिए मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए एनएमएमएस सिस्टम का नया अपडेटेड वर्जन लांच किया गया है। इस अपडेटेड वर्जन में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम से उन्हीं श्रमिकों की उपस्थिति लगेगी, जिनकी पलकें झपकेंगी। ऐसा नहीं होने पर उपस्थिति कॉलम में श्रमिक की फोटो अपलोड नहीं हो सकेगी।

फोटो खींच कर लगती थी हाजिरी
पहले मजदूरों की हाजिरी खींची गई तस्वीरों के आधार पर लगाई जाती थी, लेकिन इसमें फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आईं। नई प्रणाली के तहत अब मजदूरों की वास्तविक उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।


नए सिस्टम की विशेषताएँ:

झपकती पलकें: अपडेटेड सॉफ़्टवेयर में पलकें झपकाने को उपस्थिति के सत्यापन का हिस्सा बनाया गया है।

पारदर्शिता में सुधार: यह तकनीक फर्जी उपस्थिति और मनरेगा मस्टररोल में गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लाई गई है।

कार्यस्थल की सीमा: हाजिरी सिर्फ कार्यस्थल से 30 मीटर के भीतर ही दर्ज की जा सकेगी।


मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगाने के लिए राष्ट्रीय मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब इस सिस्टम के वर्जन को कुछ अपडेट किया गया है और अपडेट वर्जन में कुछ बदलाव हुए हैं, उन्हीं बदलावों के तहत अब मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगेगी।- चंद्रवीर सिंह, परियोजना अधिकारी, डीआरडीए कांगड़ा

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