प्रतिभा, कड़ी मेहनत, लगन, और परिवार के सहयोग से बेटियां हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं। कुल्लू की खुशबू भारद्वाज इसका एक जीवंत उदाहरण हैं। शिमला यूनिवर्सिटी में संगीत विषय में एमए करते हुए उन्होंने प्रदेशभर में पहला स्थान प्राप्त किया और गोल्ड मेडल हासिल किया।

खुशबू की संगीत यात्रा बचपन से शुरू हुई, जब उन्होंने स्कूल और कॉलेज में विभिन्न संगीत कार्यक्रमों में भाग लिया। उनकी शिक्षा सुल्तानपुर कुल्लू स्कूल और बाद में कुल्लू महाविद्यालय से हुई। उन्होंने कई राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पुरस्कार प्राप्त किए, जिनमें सीएम अवार्ड, नेशनल अवार्ड, और ऑल ओवर टैलेंट अवार्ड शामिल हैं।
संगीत में उनके योगदान के साथ-साथ एनसीसी में उन्होंने सीनियर अंडर ऑफिसर की भूमिका निभाई। खुशबू अपने इस मुकाम का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों और मित्रों को देती हैं। उनके माता-पिता रविंद्र और खेम राज भारद्वाज तथा उनके भाई साहिल ने हर कदम पर उनका साथ दिया।
खुशबू के परिवार का मानना है कि बेटियों को उनके लक्ष्य निर्धारित करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। यदि उन्हें अवसर दिए जाएं, तो वे हर ऊंचाई को छू सकती हैं। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि बेटियों को सही मार्गदर्शन और समर्थन मिलने पर वे असंभव को भी संभव बना सकती हैं।