आयुष्मान, हिमकेयर और सहारा योजना की समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडल उपसमिति की सिफारिशों पर हिमकेयर योजना के स्वरूप में बदलाव के सुझावों को आधार बनाकर हिमकेयर योजना के स्वरूप में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है।
मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) के स्वरूप में प्रदेश सरकार जल्द बदलाव करने की तैयारी में है। सरकार इस योजना में आयकरदाताओं और साधन संपन्न लोगों के लिए शुल्क बढ़ा सकती है। योजना की वैधता अवधि भी तीन के स्थान पर एक साल करने और साल के पहले तीन महीने में ही अनिवार्य रूप से कार्ड बनाने की व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में चुनाव से ठीक पहले बदली गई इस योजना में प्रदेश कांग्रेस सरकार ने संशोधन की तैयारी की है।
आयुष्मान, हिमकेयर और सहारा योजना की समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडल उपसमिति की सिफारिशों पर हिमकेयर योजना के स्वरूप में बदलाव के सुझावों को आधार बनाकर हिमकेयर योजना के स्वरूप में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है। साल 2019 में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों, विधवा, अनाथ सहित समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए हिमकेयर योजना लाई गई थी। योजना के तहत हिमकेयर के लिए 1,000 रुपये प्रीमियम की वैधता एक साल निर्धारित की थी और साल के शुरू में एक जनवरी से 31 मार्च तक ही हिमकेयर कार्ड बनाए जा सकते थे। मार्च 2022 तक योजना ऐसे ही संचालित होती रही।
जयराम सरकार के कार्यकाल में अप्रैल 2022 में हिमकेयर योजना की वैधता एक से बढ़ाकर तीन साल कर दी और कमजोर वर्गों के अलावा सामान्य वर्गों को भी योजना में जोड़ दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में कर्मचारियों और व्यवसायियों ने भी इलाज का खर्चा बचाने के लिए हिमकेयर कार्ड बना लिए। मंत्रिमंडलीय उपसमिति का मानना है कि जो लोग टैक्स दे रहे हैं, उनके लिए प्रीमियम राशि बढ़ाई जा सकती है। वैधता अवधि एक साल निर्धारित करने से सरकार के लिए योजना को चलाना आसान होगा। मौजूदा समय में हिमकेयर कार्ड अधिकतर मेडिकल कॉलेजों में चल रहे हैं। सरकार ने पिछले दिनों मेडिकल कॉलजों को योजना के तहत लंबित बजट में से कुछ अदायगी भी की है।
350 करोड़ हिमकेयर और 100 करोड़ आयुष्मान की देनदारी
आयुष्मान योजना में करीब 5 लाख परिवारों के कार्ड बने हैं, 1,000 रुपये प्रति परिवार के हिसाब से केंद्र सरकार प्रदेश को सालाना करीब 48 करोड़ देती है। 10 फीसदी राज्य सरकार देती है, जो कुल 55 करोड़ बनते हैं, जबकि अस्पतालों में इलाज के बिल करीब 80 करोड़ के बन जाते हैं। हिमकेयर योजना में भी प्रदेश सरकार को करीब 350 करोड़ और आयुष्मान योजना में 100 करोड़ रुपये की देनदारी निपटानी है।
हिमकेयर योजना के स्वरूप में बदलाव का मामला सरकार के विचाराधीन है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडल उपसमिति ने इसकी सिफारिशें दे दी हैं। सरकार सुनिश्चित करेगी कि योजना का लाभ जरूरतमंदों को मिले- डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य मंत्री