हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत बड़ा बदलाव करते हुए संबद्ध कॉलेजों में स्नातक डिग्री को चार वर्षीय बना दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशों को लागू करते हुए एचपीयू ने इस सत्र से करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क के अंतर्गत मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट और मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा प्रणाली को अपनाया है।
मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट प्रणाली के तहत छात्र अपनी पढ़ाई को किसी भी स्तर पर पूरा कर प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, डिग्री या ऑनर्स डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। पहले वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर 40 क्रेडिट्स और एक वोकेशनल कोर्स के साथ स्नातक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। दो वर्षों की पढ़ाई पूरी होने के बाद 80 क्रेडिट्स और एक वोकेशनल कोर्स के साथ स्नातक डिप्लोमा प्राप्त होगा। तीन वर्षों की पढ़ाई पूरी करने पर 120 क्रेडिट्स के साथ स्नातक की डिग्री मिलेगी। चार वर्षों की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को 160 क्रेडिट्स के साथ ऑनर्स डिग्री और शोध के अवसर मिलेंगे।
नए पाठ्यक्रम में छात्रों को सिंगल, डबल मेजर और मल्टी-डिसिप्लिनरी विषय चुनने के विकल्प भी मिलेंगे। क्रेडिट आधारित प्रणाली छात्रों को पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेने और भविष्य में इसे फिर से शुरू करने की सुविधा प्रदान करेगी।
एचपीयू के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि इस सत्र से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू किया जाएगा। यह बदलाव न केवल छात्रों को उन्नत शिक्षा प्रणाली के साथ जोड़ने में मदद करेगा बल्कि उनके करियर को नई दिशा भी देगा।