पोस्ट कोड 826 में भी FIR दर्ज, जूनियर इंजीनियर के 39 पदों के लिए वर्ष 2020 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया

भंग हो चुके हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में दिसंबर 2022 में सामने आए भर्ती पेपर परीक्षा लीक प्रकरण में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने एक और एफआईआर दर्ज की है। विजिलेंस थाना हमीरपुर में दर्ज यह एफआईआर पोस्ट कोड 826 के तहत जूनियर इंजीनियर (सिविल) की भर्ती परीक्षा में में हुई गड़बड़ी के चलते दर्ज की गई है। हालांकि इस भर्ती की प्रक्रिया वर्ष 2021 में संपन्न हो चुकी है और पास हो चुके अभ्यर्थी विभाग में अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं,। इस भर्ती की परीक्षा में भी गड़बड़ी के ठोस सबूत जांच एजेंसी को मिले हैं, जिसके चलते एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि प्रदेश में चल रहे विधानसभा सत्र के चलते विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो का कोई भी अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने से कतरा रहा है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस परीक्षा में भी गड़बड़ी हुई थी, जिसमें भंग हो चुके आयोग के मुलाजिमों समेत कुछ अभ्यर्थियों के भी आरोपी होने का अंदेशा है। हालांकि यह पता नहीं चल पा रहा है कि पेपर लीक हुआ था या ओएमआर सीट में टेंपरिंग की गई थी।

पूर्व भंग हो चुके आयोग में पोस्ट कोड 826 के तहत जूनियर इंजीनियर के 39 पदों को भरने के लिए सितंबर 2020 में आवेदन मांगे थे। 39 पदों को 10529 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 9301 अभ्यर्थियों के आवेदन ही सही पाए गए। 11 अप्रैल, 2021 को लिखित परीक्षा में 5632 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। लिखित परीक्षा में 5632 में से 121 अभ्यर्थी ही उत्तीर्ण हो पाए थे। इसके बाद आयोग ने 11 अप्रैल, 2021 को लिखित परीक्षा और आठ सितंबर 2021 को 15 अंकों की मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की थी। गौरतलब हो कि अब तक इस पेपर लीक प्रकरण में 16 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और तीन दर्जन के करीब लोगों को नामजद किया है। इनमें आयोग के सचिव, सीनियर असीस्टेंट, चपरासी और ड्राइवर समेत कई अभ्यर्थी के नाम हैं।

कोड 965 में पहली एफआईआर

हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जेओए आईटी पोस्ट कोड 965 की लिखित परीक्षा 25 दिसंबर, 2022 को आयोजित होने वाली थी, लेकिन परीक्षा से दो दिन पहले ही पेपर लीक हुआ था, जिसके चलते एफआईआर दर्ज की गई थी। उसके बाद से लगातार विभिन्न पोस्ट कोड में एफआईआर दर्ज होती रही।

भर्ती प्रक्रिया की पृष्ठभूमि

वर्ष 2020 में इन पदों के लिए अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके बाद बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने आवेदन किया। लिखित परीक्षा और दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया के बावजूद चयन सूची जारी नहीं की गई, जिससे अभ्यर्थी लगातार असमंजस में थे।

FIR और जांच की स्थिति

सूत्रों के अनुसार, चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतें मिलने के बाद विभागीय जांच शुरू की गई। प्रारंभिक जांच में अनियमितताएं सामने आने पर FIR दर्ज की गई है, और अब विस्तृत जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है।

उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया

लंबे समय से नौकरी की आस लगाए बैठे अभ्यर्थियों ने इस घटनाक्रम पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है। अभ्यर्थियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द जांच पूरी कर नियुक्ति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की मांग की है।

आगे की राह

FIR दर्ज होने के बाद अब जांच के नतीजों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। यदि गड़बड़ियां साबित होती हैं, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, और भर्ती प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू किया जा सकता है।

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