हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की ओर से परीक्षा केंद्र बनाए जाने के नियमों में संशोधन किया गया है। शिक्षा बोर्ड की ओर से प्रतिवर्ष प्रदेशभर में बोर्ड की फाइनल परीक्षाओं के लिए केंद्र बनाए जाते हैं। इसमें ए कैटेगरी के तहत जमा एक व जमा दो कालेज सेंटर, बी कैटेगरी में जमा एक व जमा दो स्कूल परीक्षा केंद्र व सी कैटेगरी में दसवीं कक्षा के लिए परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं, जिसमें लिखित परीक्षा के लिए प्रति परीक्षा केंद्र में 60 छात्र अनिवार्य होने चाहिए, जबकि जनजातीय क्षेत्र में 50 छात्रों की शर्त रखी गई है। इसके साथ ही परीक्षा केंद्र की सी कैटेगरी में कम से कम 40 छात्र व जनजातीय क्षेत्र में 30 छात्र होने अनिवार्य होते हैं। इसमें बोर्ड की ओर से छात्रों की संख्या कम होने पर प्रति छात्र 300 रुपए परीक्षा केंद्र से वसूल किए जाते हैं।
अब नियम में किए गए संशोधन के तहत परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी कम होने की सूरत में पहली से 30 अप्रैल तक 300 रुपए शुल्क बिना लेट फीस के देना होगा, जबकि इसके बाद पहली से 15 मई तक निर्धारित फीस के साथ प्रति क्लास एक हजार रुपए लेट फीस, 16 से 31 मई तक निर्धारित शुल्क के साथ दो हजार रुपए विलंब शुल्क प्रति क्लास, जबकि 31 मई के बाद परीक्षा केंद्र को निर्धारित शुल्क के अलावा पांच हजार रुपए विलंब शुल्क प्रति क्लास जमा करवाना अनिवार्य किया गया है। उक्त शुल्क को संबंधित परीक्षा केंद्र के स्कूल की ओर से स्कूल आईडी के माध्यम से स्कूल शिक्षा बोर्ड में जमा करवाना होगा। उधर, प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव डा. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि परीक्षा केंद्र बनाने के संदर्भ में अध्यक्ष शिक्षा बोर्ड की ओर से संशोधन किए गए हैं। बोर्ड सचिव ने बताया कि निर्धारित समय पर परीक्षा केंद्रों की ओर से शुल्क न जमा करवाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
स्कूलों में शुरुआती दिनों से ही पढ़ाने के निर्देश
धर्मशाला। प्रारंभिक शिक्षा विभाग कांगड़ा की ओर से स्कूलों को शुरुआती दिनों से ही छात्रों को पढ़ाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी अजय सम्बयाल ने सभी प्रधानाचार्यों और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि वह सत्र की शुरुआत से ही सभी स्कूलों में पढ़ाई की सुनिश्चित व्यवस्था करें। इसको सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग कांगड़ा नियमित तौर पर सभी स्कूलों की निगरानी करेगा। सभी विद्यालय प्रमुख और शिक्षक के लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों से संपर्क करे और बच्चों को पाठशाला में लाएं ताकि विद्यार्थियों का महत्त्पूर्ण समय बर्बाद न हो।
क्यों किया गया यह संशोधन?
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस फैसले का उद्देश्य परीक्षा केंद्रों के अनावश्यक फैलाव को रोकना और संसाधनों के सही उपयोग को सुनिश्चित करना है। कई बार परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या बेहद कम होती है, जिससे प्रशासनिक और वित्तीय असंतुलन पैदा होता है। इससे परीक्षा के संचालन में अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जिसे रोकने के लिए यह नया नियम लागू किया गया है।
लेट फीस का प्रभाव और उद्देश्य
इस नियम के लागू होने से परीक्षा केंद्रों के चयन में अधिक पारदर्शिता और अनुशासन आएगा। साथ ही, इससे परीक्षा केंद्र संचालकों को निर्धारित मानकों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से परीक्षा प्रक्रिया को अधिक संगठित और सुव्यवस्थित बनाया जा सकेगा।
परीक्षा केंद्र संचालकों और परीक्षार्थियों के लिए निर्देश
- परीक्षा केंद्र संचालकों को इस नियम का पालन करना अनिवार्य होगा।
- यदि किसी परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों की संख्या न्यूनतम सीमा से कम रहती है, तो उन्हें 30 अप्रैल तक 300 रुपए की अतिरिक्त लेट फीस जमा करनी होगी।
- परीक्षार्थियों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने परीक्षा केंद्र की समय सीमा के भीतर पुष्टि कर लें ताकि किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके।
शिक्षा विभाग का बयान
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह नियम परीक्षा संचालन में सुगमता लाने और प्रशासन पर अनावश्यक दबाव को कम करने के लिए लागू किया गया है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा केंद्रों का निर्धारण अब और अधिक संगठित ढंग से किया जाएगा, जिससे परीक्षार्थियों और परीक्षा केंद्र संचालकों दोनों को लाभ मिलेगा।
आगे की प्रक्रिया
शिक्षा विभाग ने सभी संबंधित संस्थानों और परीक्षा केंद्रों को इस नए नियम की जानकारी दे दी है। परीक्षा केंद्र संचालकों को निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी प्रक्रियाएं पूरी करने का निर्देश दिया गया है। इस नियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी और आवश्यकतानुसार आगे भी बदलाव किए जा सकते हैं।
यह नियम उन सभी परीक्षाओं पर लागू होगा जिनके केंद्र न्यूनतम परीक्षार्थी संख्या की शर्त पूरी नहीं कर पाएंगे। परीक्षार्थियों और परीक्षा केंद्र संचालकों को इस नए बदलाव के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है ताकि वे किसी भी अतिरिक्त शुल्क से बच सकें और परीक्षा प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो सके।