लोक निर्माण विभाग ने किया स्ट्रक्चरल ऑडिट, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
शिमला, 15 अप्रैल 2025 — हिमाचल प्रदेश में अब 60 साल पुराने जर्जर हो चुके पुलों को हटाया जाएगा और उनकी जगह पर आधुनिक और मजबूत पुलों का निर्माण किया जाएगा। यह फैसला लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा हाल ही में कराए गए स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद लिया गया है।
लोक निर्माण विभाग ने प्रदेशभर में स्थित पुराने पुलों का सर्वेक्षण और ऑडिट कराया, जिसमें कई पुलों की स्थिति को “खतरनाक” श्रेणी में पाया गया। विभाग के अनुसार, ये पुल न केवल यातायात के लिए असुरक्षित हैं, बल्कि आपदा के समय भी बड़ी समस्या बन सकते हैं।
मुख्य बातें:
- 60 साल से पुराने दर्जनों पुलों की होगी चरणबद्ध तरीके से हटाई।
- ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार कई पुलों में स्ट्रक्चरल कमजोरी पाई गई।
- नए पुलों के निर्माण में आधुनिक तकनीक और आपदा-प्रतिरोधी डिज़ाइन का उपयोग होगा।
- निर्माण कार्य को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश जारी।
PWD के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि “प्रदेश में कुल लगभग 2000 पुल हैं, जिनमें से लगभग 150 पुल 50 साल से अधिक पुराने हैं। इनमें से प्राथमिकता के आधार पर पहले 60 साल पुराने पुलों को हटाकर नए बनाए जाएंगे।”
प्रदेश सरकार इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार से भी आर्थिक सहायता लेने पर विचार कर रही है। इसके अलावा कुछ परियोजनाएं वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से भी संचालित की जाएंगी।
नए पुलों से होंगी ये अपेक्षित सुविधाएं:
- यातायात में सुधार और दुर्घटना की आशंका में कमी
- भारी वाहनों के संचालन की सुविधा
- मानसून और भूस्खलन जैसी आपदाओं में बेहतर संरचनात्मक सुरक्षा
निष्कर्ष:
हिमाचल प्रदेश में पुलों के इस आधुनिकीकरण से न केवल लोगों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा, बल्कि प्रदेश की आधारभूत संरचना भी और मजबूत होगी।