कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि बैंक की जमा राशि 13355 करोड़ से बढक़र 14890 करोड़ पहुंच गई है। जमा राशि में 1535 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी, 2023 को कार्यभार संभाला था और उस समय बैंक के अपने फंडस 1400 करोड़ रुपए थे, जोकि मौजूदा समय में बढक़र 1553 करोड़ रुपए हो गए हैं। इनमें 152 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा बैंक का निवेश 10957 से बढक़र अब 12370 करोड़ हो गया है।
निवेश राशि 1413 करोड़ रुपए बढ़ी है। वहीं, बैंक का ऋण 4163 करोड़ रुपए से 4424 करोड़ रुपए हो गया है। बैंक की ऋण राशि 261 करोड़ रुपए बढ़ी है। यही नहीं, बैंक का शुद्ध लाभ भी 48 करोड़ रुपए बढक़र 121 करोड़ रुपए पहुंच गया है। इसमें 73 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज की गई है, जोकि बैंक के 105 वर्ष कार्यकाल में सबसे ज्यादा है। बैंक की कार्यशील पूंजी की बात करें तो 16260 करोड़ रुपए से बढक़र 18083 करोड़ रुपए हो गई है। इसमें भी 1823 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है।
एनपीए में भी 8.08 प्रतिशत की कमी
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बैंक के एनपीए की बात करते हुए बताया कि एनपीए 1148 करोड़ रुपए से घटकर अब 863 करोड़ रह गया है। 285 करोड़ एनपीए कम हुआ है, जिसमें 8.08 प्रतिशत की कमी आई है। एनपीए प्रतिशत भी 27.58 से कम होकर अब 19.50 प्रतिशत रह गया है। बैंक का नेट एनपीए 447 करोड़ रुपए से घटकर 212 करोड़ रुपए रह गया है। नेट एनपीए में 235 करोड़ रुपए की कमी आई है। वहीं, नेट एनपीए प्रतिशत भी 12.92 से कम होकर 5.62 रह गया है। इसमें 7.30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
भर्ती होगी, शाखाएं खुलेंगी
बैंक के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि एनपीए कम होने और बैंक के लाभ की स्थिति में आने के बाद भविष्य में खाली पड़े पदों को भरने सहित नई शाखाएं खोलने की दिशा में प्रयास करेगा। बैंक में 35 फीसदी से अधिक पद मौजूदा समय में खाली चल रहे हैं। जिन्हें भरने के लिए आरवीआई को लिखा जाएगा। कम कर्मचारियों के साथ बैंक शाखाओं को चलाना प्रबंधन के समक्ष एक बड़ी चुनौती है।
धर्मशाला, 8 अप्रैल 2025 – हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सहकारी बैंक, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (KCC बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। बैंक के फंड्स में 1.52 अरब रुपये की वृद्धि हुई है, जो बैंक की वित्तीय सुदृढ़ता और ग्राहकों के बढ़ते विश्वास का प्रतीक मानी जा रही है। इस उपलब्धि की जानकारी बैंक के अध्यक्ष श्री राजीव पठानिया ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दी।
उन्होंने बताया कि बैंक ने बीते वर्ष में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनसे न केवल फंड्स में इज़ाफा हुआ बल्कि बैंक की सेवाओं में भी व्यापक सुधार देखने को मिला। बैंक ने अपने संचालन में पारदर्शिता बढ़ाई है, जिससे खाताधारकों और निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
राजीव पठानिया ने बताया कि KCC बैंक का प्रमुख लक्ष्य ग्रामीण और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। इसके तहत किसानों, स्वरोजगार करने वालों और छोटे व्यापारियों के लिए विशेष ऋण योजनाएं चलाई गई हैं। बैंक द्वारा वितरित कृषि ऋणों की संख्या में भी इस वर्ष उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
डिजिटल सेवाओं का विस्तार
तकनीकी क्षेत्र में भी बैंक ने कई नए प्रयास किए हैं। बैंकिंग को डिजिटल रूप में मजबूत करते हुए मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग, और यूपीआई जैसी सुविधाएं बेहतर की गई हैं। इससे न केवल युवाओं को सुविधा मिली है, बल्कि बुज़ुर्ग और ग्रामीण ग्राहकों ने भी आधुनिक बैंकिंग को अपनाना शुरू किया है।
बढ़ती शाखाएं और ग्राहकों का विश्वास
बैंक की शाखाओं की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ ग्राहकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। अध्यक्ष पठानिया ने बताया कि आने वाले समय में और अधिक क्षेत्रों में बैंक की पहुंच बनाने की योजना है, ताकि हर व्यक्ति को सरल और सुरक्षित बैंकिंग सुविधा उपलब्ध हो सके।
आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता KCC बैंक
अध्यक्ष ने अंत में कहा, “KCC बैंक अब केवल एक वित्तीय संस्था नहीं, बल्कि ग्रामीण हिमाचल की आर्थिक रीढ़ बन चुका है। हमारा प्रयास रहेगा कि हम आने वाले वर्षों में और अधिक पारदर्शिता, सुविधा और विश्वसनीयता के साथ अपने ग्राहकों की सेवा करें।”