जल्द अधिसूचित होंगे 11 आदर्श अस्पताल, IGMC में तीन महीने में शुरू होगी यह सुविधा

शिमला: प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए सरकार जल्द ही 11 आदर्श अस्पतालों को अधिसूचित करने जा रही है। इसके तहत विभिन्न जिलों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त अस्पतालों की व्यवस्था की जाएगी, जिससे मरीजों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।

इसके अलावा, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला में एक महत्वपूर्ण चिकित्सा सुविधा आगामी तीन महीनों में शुरू कर दी जाएगी। इस नई सुविधा के तहत मरीजों को अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं मिलेंगी, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सरकार लगातार राज्य की चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रही है। इन 11 आदर्श अस्पतालों के अधिसूचित होने के बाद, लोगों को अपने ही जिले में बेहतर उपचार मिलने लगेगा, जिससे उन्हें बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को समान रूप से सुलभ बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि IGMC में शुरू होने वाली नई सुविधा से राज्य के लोगों को अत्यधिक लाभ होगा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं अधिक प्रभावी होंगी।

प्रदेश सरकार की इस पहल से स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जिससे मरीजों को उच्च स्तरीय इलाज के लिए दूर-दराज के अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि प्रदेश में जल्द 11 आदर्श अस्पताल अधिसूचित कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां विधायक वहां आदर्श अस्पताल खोले जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर लाए गए कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आउटसोर्स पर सेवाएं देने वाले कोरोना वॉरियर्स को दोबारा से सेवाएं लेने पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि 214 चिकित्सा अधिकारियों के पदों के लिए लिखित परीक्षा 16 मार्च को हो चुकी है। जल्द इनकी नियुक्ति की जाएंगी। 100 विशेषज्ञ चिकित्सक मिले हैं, जिन्हें आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया जाएगा। इसमें जनजातीय क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा गया है।

आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज में अभी तक आठ किडनी ट्रांसप्लांट किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दवा निर्माण करने वाली आठ कंपनियों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इसके साथ ही 103 दवा विक्रेताओं ऐसे पाए गए हैं, जिनके पास बिना रिकॉर्ड प्रतिबंधित दवाएं का रिकॉर्ड नहीं मिला है। ऐसे में इनके भी लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। प्रदेश में अभी तक 4,7667 निरीक्षण किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि सहारा योजना में 34,640 लाभार्थी पंजीकृत है। इस योजना में 12,595 नए लाभार्थी शामिल लिए गए है। टांडा, चमियाना में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के लिए निविदाएं प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में पैट स्कैन की सुविधा तीन महीने शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए 20.73 करोड़ की राशि जारी कर दी गई है। हमीरपुर, आईजीएमसी, मंडी मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशलिटी चमियाना में 27 27 करोड़ की लागत से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीन स्थापित की जाएगी। इसके लिए भी 105 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी गई है।

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