मऊगंज के बाद MP में फिर पुलिस पर हमला: हिस्ट्रीशीटर कासिम कसाई की फायरिंग में ASI घायल, थाना प्रभारी बाल-बाल बचे

मध्य प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। मऊगंज में पुलिस पर हुए हमले के बाद अब एक और घटना सामने आई है, जिसमें कुख्यात हिस्ट्रीशीटर कासिम कसाई ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इस हमले में एक सहायक उप निरीक्षक (ASI) गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि थाना प्रभारी बाल-बाल बच गए।

कैसे हुआ हमला?

जानकारी के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि कासिम कसाई अपने कुछ साथियों के साथ इलाके में छिपा हुआ है। इस पर पुलिस टीम मौके पर दबिश देने पहुंची। जैसे ही पुलिस ने घेराबंदी शुरू की, कासिम ने बिना देर किए फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुई इस गोलीबारी में ASI को गोली लग गई, जबकि थाना प्रभारी किसी तरह खुद को बचाने में सफल रहे।

पुलिस पर लगातार बढ़ रहे हमले

मऊगंज की घटना के बाद यह दूसरी बड़ी वारदात है, जिसमें पुलिस पर अपराधियों ने जानलेवा हमला किया है। यह घटना प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर रही है। पुलिस पर हो रहे इन हमलों से साफ है कि अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

कौन है कासिम कसाई?

कासिम कसाई इलाके का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है, जिस पर हत्या, लूट, और अवैध हथियार रखने जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय से पुलिस के रडार पर था, लेकिन हर बार किसी न किसी तरह से बच निकलता था। इस बार पुलिस ने उसे पकड़ने की पूरी योजना बनाई थी, लेकिन उसने अचानक फायरिंग कर पुलिस को चौंका दिया।

घायल ASI का इलाज जारी, पुलिस कर रही सर्च ऑपरेशन

गोली लगने से घायल ASI को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और आरोपी कासिम की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही कासिम को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की कड़ी कार्रवाई की मांग

इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है। लोग मांग कर रहे हैं कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

प्रदेश में लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से आम जनता के साथ-साथ पुलिस विभाग भी चिंतित है। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस पर क्या ठोस कदम उठाता है और अपराधियों के मन में कानून का डर कैसे बैठाता है।

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