Himachal: ग्रामीण इलाकों में भी होगा सुहाना सफर, 109 करोड़ रुपए से बेहतर होगी सडक़ सुविधा

109 करोड़ रुपए से बेहतर होगी सडक़ सुविधा; विक्रमादित्य बोले, यह सीएम की दूरदर्शी सोच का नतीजा

लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि परियोजना आंतरिक स्वीकृति समिति की 141वीं बैठक में हिमाचल प्रदेश के छह जिलों में 10 ग्रामीण सडक़ परियोजनाओं के लिए आरआईडीएफ के अंतर्गत 109 करोड़ 30 लाख रुपए की धनराशि को स्वीकृति प्रदान की है। ये परियोजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सडक़ और परिवहन सुविधाएं प्रदान करने में सहायक साबित होंगी। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए सरकार प्रदेश की विकासात्मक आवश्यकताओं को निरंतर सक्रिय रूप से केंद्र के समक्ष रख रही है।

प्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य को विभिन्न परियोजनाओं के लिए अनुदान प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत परियोजना में जुनाला-करलोटी-छट-बरथिन सडक़, टिक्कर-मनोह वाया जखयोल-रमेहरा-सुलखान-धीरवी सडक़ तथा रोहडू़-चिडग़ांव-डोडरा क्वार सडक़ का उन्नयन शामिल हैं। इसके साथ पीरसलूही (कांगड़ा) से किटपल (हमीरपुर), पुयाद से टिक्करी वाया धारली और थाथर त्रिपाल से मेहवा पंचायत, शहीद तेजसिंह स्मारक जट्टा रा नाला से कुकरी गलू वाया हरिजन बस्ती सलूण, कटलूण और छमयार सडक़ शामिल है। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख परियोजना के तहत नेहवाट, नयासर, घैणी और देवीधार को जोडऩे वाला 35 मीटर स्पैन पुल का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा कांशीवाला से बिरोजा फैक्टरी वाया जाबल का बाग, कनोल लग और बटूनी मैटलिंग टारिंग वाली सडक़ को मंजूरी दी गई है। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी आवश्यक औपचारिकताओं के पूरा होने के उपरांत एक माह के भीतर निर्माण कार्य शुरू किए जाएं।

एडीएस मंजूरी को 30 दिन की मोहलत

नाबार्ड ने पीडब्ल्यूडी की अनुमति पर लगाई शर्त, पीडब्ल्यूडी मंत्री करेंगे फाइल पर हस्ताक्षर

हिमाचल को नाबार्ड के तहत मिले 10 प्रोजेक्ट की क्लियरेंस आगामी 30 दिन में हासिल करनी होगी। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह इस अवधि में एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल एंड एक्सपेंडिचर सेंक्शन (एडीएस) देंगे और इसके बाद दोबारा फाइल नाबार्ड को प्रस्तावित की जाएगी। नाबार्ड ने पीडब्ल्यूडी को तय अवधि में एडीएस देने की बात कही है। यदि विभाग इसमें नाकाम होता है, तो ये प्रोजेक्ट कैंसल हो सकते हैं। हालांकि पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आगामी एक महीने में सभी प्रोजेक्ट का काम शुरू होने की बात कही है। फिलहाल नाबार्ड ने हिमाचल को दस नए प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं। 109 करोड़ 30 लाख रुपए के यह प्रोजेक्ट आगामी तीन साल में पूरे होने हैं। नाबार्ड की इन सडक़ों का काम 2028 तक खत्म होगा। इनमें पहले दो साल में 65 करोड़ 58 रुपए खर्च किए जाएंगे। इनमें 32 करोड़ 97 लाख प्रतिवर्ष खर्च किए जाने हैं, जबकि आखिरी साल में 43 करोड़ 72 लाख रुपए खर्च होंगे। इनके निर्माण की प्रक्रिया आगामी अप्रैल से शुरू होने की संभावना है।

इस साल तीन चरणों में 60 परियोजनाएं मंजूर

नाबार्ड इस साल तीन चरणों में 60 सडक़ और पुल के प्रोजेक्ट मंजूर कर चुका है। राज्य को मौजूदा वित्त वर्ष में नाबार्ड से 566 करोड़ रुपए की मदद मिल चुकी है। इनमें दस फीसदी हिस्सेदारी राज्य सरकार की है। ऐसे में करीब 56 करोड़ रुपए राज्य को भी प्रोजेक्ट पर खर्च करने पड़े रहे हैं। यही वजह है, जो नाबार्ड प्रोजेक्ट मंजूर करने के साथ ही पीडब्ल्यूडी से एक महीने में एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल एंड एक्सपेंडिचर सेंक्शन मांगता है और इसकी मंजूरी के साथ ही सडक़ निर्माण के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग को सभी औपचारिकताएं तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

🏗️ सड़क सुधार के तहत क्या होगा?

इस परियोजना के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे:

  • सड़क चौड़ीकरण और मरम्मत: खराब और जर्जर सड़कों को फिर से बनाया जाएगा।
  • नई सड़कों का निर्माण: गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए नई संपर्क सड़कें बनाई जाएंगी।
  • ड्रेनेज और सेफ्टी उपाय: बारिश के दौरान पानी जमा होने की समस्या से बचने के लिए उचित जल निकासी व्यवस्था की जाएगी, साथ ही सड़क किनारे गार्ड रेल और साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे।

🛣️ किन इलाकों को मिलेगा फायदा?

इस योजना का लाभ प्रदेश के दूर-दराज और पहाड़ी क्षेत्रों में बसे गांवों को मिलेगा, जहां आज भी लोगों को कच्चे रास्तों और खराब सड़कों पर सफर करना पड़ता है। इससे किसानों, व्यापारियों और विद्यार्थियों की आवाजाही सुगम होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

🗣️ सरकार की क्या है योजना?

लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
“सरकार की प्राथमिकता है कि ग्रामीण इलाकों में भी शहरी क्षेत्रों जैसी सड़क सुविधाएं मिलें। इस बजट से अगले एक साल में कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे न सिर्फ लोगों की जिंदगी आसान होगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।”

🚀 ग्रामीणों ने जताई खुशी

इस घोषणा के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर है। लोगों का कहना है कि बेहतर सड़कें बनने से स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच, बच्चों की शिक्षा और बाजारों तक सामान पहुंचाने में आसानी होगी।

📅 जल्द शुरू होंगे काम

सरकार ने योजना को जल्द जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्राथमिकता के आधार पर उन क्षेत्रों की पहचान करें, जहां सड़क सुधार की सबसे ज्यादा जरूरत है।

पिछला लेख
Himachal News : हिमाचल में पहली अप्रैल से लागू होंगी टोल की नई दरें
अगला लेख
IND vs NZ Final: चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के लिए पिच तय, स्पिनर्स होंगे घातक! जानें पाकिस्तान से क्या है कनेक्शन

इस विषय से संबंधित:

Toggle Dark Mode