हिमाचल प्रदेश के शहरों में अब LPG की जगह PNG

सिलेंडर भरवाने के झंझट से लोगों को मिलेगी मुक्ति, पाइप से सीधे रसोई तक पहुंच जाएगा ईंधन

हिमाचल प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अब एलपीजी सिलेंडर की जगह पीएनजी ईंधन मुहैया करवाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के अधिकतर बड़े शहरों का सर्वे कर प्लान तैयार किया जा रहा है। अकेले कांगड़ा व चंबा जिला के ही छह शहरों को नई सुविधा देने के लिए चुना गया है, जहां पाइप के जरिए लोगों के किचन तक पीएनजी पहुंचाई जाएगी। जानकारी के अनुसार पहले चरण में यह सुविधा कांगड़ा जिला के देहरा, ज्वालामुखी, कांगड़ा, पालमपुर और धर्मशाला में शुरू की जाएगी। इसके अलावा चंबा में भी पीएनजी सप्लाई की सुविधा शुरू की जाएगी। कांगड़ा के देहरा में पाइप लाइन बिछाने का काम जारी हो चुका है। पीएनजी यानी पाइप्ड नेचुरल गैस को पाइप के जरिए सीधे लोगों के किचन तक पहुंचाया जाएगा। इसका यह फायदा होगा कि लोगों को एलपीजी सिलेंडर भरवाने के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि पीएनजी की आपूर्ति 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।

पीएनजी की आपूर्ति पाइपलाइन के जरिए की जाती है, इसलिए इसमें सिलेंडर की ज़रूरत नहीं होती है। पीएनजी की आपूर्ति और मीटरिंग बिजली की तरह ही की जाती है यानी आप जितना ईंधन खर्च करेंगे, उतना ही बिल चुकाना पड़ेगा। बता दें कि पाइप्ड नेचुरल गैस यानी पीएनजी प्राकृतिक गैस का एक रूप है। पीएनजी को हल्के स्टील और मीडियम डेनसिटी पॉलिथिलीन पाइप के जरिए घरों, कारोबार और उद्योगों में सप्लाई किया जाता है। पीएनजी, सीएनजी के समान है, लेकिन घरेलु इस्तेमाल के लिए इसकी आपूर्ति पाइपलाइन के जरिए की जाती है।

एलपीजी की तुलना में सस्ती और सुरक्षित

हमेशा में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी के मुकाबले पीएनजी ज्यादा सेफ है। पीएनजी लीकेज होने पर आग लगने की आशंका कम रहती है। इसके अलावा पीएनजी एलपीजी के मुकाबले सस्ती भी मिलेगी, क्योंकि इससे ट्रांसपोर्टेशन का कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा।

आसान और किफायती होगी रसोई गैस आपूर्ति
PNG के जरिए घरों तक गैस की सीधी आपूर्ति होगी, जिससे उपभोक्ताओं को समय पर और निरंतर गैस मिल सकेगी। इसके अलावा, PNG एलपीजी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल और किफायती मानी जाती है।

किन शहरों में होगी शुरुआत?
प्रारंभिक चरण में राज्य के प्रमुख शहरों जैसे शिमला, मंडी, धर्मशाला और सोलन में PNG नेटवर्क बिछाने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य शहरों और कस्बों को भी इस योजना के दायरे में लाया जाएगा।

सरकार और कंपनियों का सहयोग
इस प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां लागू करेंगी। अधिकारियों का कहना है कि PNG नेटवर्क तैयार करने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे पर तेजी से काम किया जा रहा है, और अगले एक साल में पहले चरण की सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है।

लोगों को मिलेगी राहत
PNG सुविधा से लोगों को सिलेंडर बुकिंग, डिलीवरी का इंतजार और खाली सिलेंडर रखने की दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी। उपभोक्ता मीटर के माध्यम से अपने गैस खपत का सटीक बिल भी आसानी से देख पाएंगे।

नवीन ऊर्जा की ओर कदम
सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाएगा, बल्कि हरित ऊर्जा की ओर राज्य को एक और महत्वपूर्ण दिशा में आगे बढ़ाएगा।

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