घटना की पूरी जानकारी:
दिल्ली के एक 17 वर्षीय छात्र ने परीक्षा के डर से घर छोड़ दिया और करीब 2000 किलोमीटर दूर तमिलनाडु पहुंच गया। बेंगलुरु होते हुए चेन्नई पहुंचने के बाद उसने झुग्गी में रहना शुरू किया और मजदूरी करने लगा। पुलिस ने टेक्नोलॉजी की मदद से उसे ढूंढ निकाला और परिवार से मिलवाया।
मुख्य बातें:
🔹 परीक्षा का तनाव बना कारण:
छात्र पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन परीक्षा का तनाव नहीं झेल पाया। परीक्षा से बचने के लिए उसने घर छोड़ने का फैसला किया।
🔹 2000 किमी तक अकेले किया सफर:
घर से भागकर वह ट्रेन से बेंगलुरु पहुंचा और फिर बस से चेन्नई चला गया। रास्ते में उसने किसी से संपर्क नहीं किया ताकि कोई उसे खोज न सके।
🔹 झुग्गी में रहकर मजदूरी करने लगा:
चेन्नई में उसने मजदूरी शुरू कर दी और एक झुग्गी में रहने लगा। अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने नाम तक नहीं बताया।
🔹 परिवार ने दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट:
बेटे के लापता होने पर परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने जांच शुरू की और टेक्नोलॉजी की मदद से छात्र की लोकेशन ट्रेस की।
🔹 पुलिस ने किया रेस्क्यू:
पुलिस ने काफी खोजबीन के बाद उसे चेन्नई में ढूंढ निकाला। जब पुलिस पहुंची, तो वह मजदूरी कर रहा था।
🔹 सुरक्षित घर लौटाया गया:
पुलिस ने छात्र को परिवार के पास सुरक्षित लौटा दिया। माता-पिता ने भी राहत की सांस ली और अब उसके मानसिक स्वास्थ्य और पढ़ाई पर ध्यान देने की योजना बना रहे हैं।
निष्कर्ष : यह घटना दर्शाती है कि परीक्षा का डर कुछ छात्रों पर भारी पड़ सकता है। माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है ताकि वे इस तरह के कदम न उठाएं।