रजत ने खोए दोनों बाजू, पैरों की अंगुलियों से लिख दी सफलता की कहानी, पास की जेओएआईटी परीक्षा

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर के रडू गांव के रहने वाले रजत कुमार ने जीवन की एक कठिन परीक्षा में अपनी मेहनत और साहस से न केवल सफलता हासिल की, बल्कि वह सबको प्रेरित करने का एक जीवित उदाहरण बन गए। एक भयंकर हादसे में अपने दोनों बाजू खोने के बावजूद, रजत ने हार नहीं मानी।

जिंदगी ने उन्हें एक कठिन मोड़ पर खड़ा किया था, लेकिन रजत ने अपने आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ इसे चुनौती के रूप में लिया। उन्होंने पैरों की अंगुलियों से लिखकर पढ़ाई की और कठिन मेहनत से अपनी तकदीर को बदल दिया।

अपनी लगन और संघर्ष के कारण रजत ने जेओएआईटी (Junior Office Assistant Information Technology) की परीक्षा को सफलतापूर्वक पास किया और अब सुंदरनगर डिवीजन के लोक निर्माण विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। रजत की यह सफलता यह सिद्ध करती है कि यदि आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत हो, तो कोई भी कठिनाई किसी इंसान को अपने सपने पूरे करने से रोक नहीं सकती।

रजत की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो जीवन की मुश्किलों से घबराकर कदम पीछे खींचता है। उनका संघर्ष यह सिखाता है कि जिंदगी चाहे जैसी भी हो, अगर हमारी मेहनत सच्ची हो, तो मंजिल जरूर मिलती है।


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