शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 14 पदों पर हुई भर्तियों का मामला अब राजभवन तक पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक, एक अभ्यर्थी ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया गया है। राजभवन ने इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए विधानसभा सचिवालय से स्पष्टीकरण मांगे जाने की संभावना जताई है।
भर्ती प्रक्रिया पर सवाल, सोशल मीडिया पर उठा मुद्दा
इन भर्तियों को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई तरह की टिप्पणियां वायरल हो चुकी हैं। इस विवाद के बीच, भाजपा मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं विधायक रणधीर शर्मा ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने मंगलवार को एक पत्रकार वार्ता में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

रणधीर शर्मा का आरोप: केवल 3 विधानसभा क्षेत्रों में बंटी नौकरियां
रणधीर शर्मा का कहना है कि सभी नियुक्तियां मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्रों तक सीमित रहीं। उन्होंने इन भर्तियों को पक्षपातपूर्ण बताते हुए रद्द करने और नए सिरे से विज्ञापन जारी करने की मांग की। उनका तर्क था कि ऐसा संभव नहीं कि केवल तीन ही विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवार योग्य हों।
सरकार पर नौकरियों की बंदरबांट का आरोप
भाजपा विधायक का कहना था कि कांग्रेस सरकार बेरोजगार युवाओं के हितों से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले सरकारी क्षेत्र में 5 लाख पक्की नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन अब चहेतों को मनमाने तरीके से सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया जा रहा है।
👉 अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा सचिवालय इस मामले में क्या जवाब देता है और क्या राजभवन इस भर्ती घोटाले की जांच के आदेश देता है।